by Ganesh_Kandpal
May 6, 2025, 9:58 p.m.
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श्रीमद् देवी भागवत कथा के दूसरे दिन देवी की महिमा, वैराग्य और ज्ञान का भावपूर्ण प्रसंग सुन भक्त भावविभोर
नैनीताल, संवाददाता
नैनीताल में चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा के दूसरे दिन विधिविधान से पूजा-अर्चना के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य देवेश शास्त्री जी ने मां दुर्गा के विविध रूपों, उनके महातम्य, वैराग्य और ज्ञान की महिमा का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन किया।
कथा में सूतजी द्वारा व्यास जी की उत्पत्ति, नारद मुनि और व्यास जी के मध्य संवाद, तथा सुखदेव जी के वैराग्य की गूढ़ कथा को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया गया। शास्त्री जी ने बताया कि व्यास जी सरस्वती नदी के तट पर ध्यानस्थ थे, जब उन्होंने गौरैया के घोंसले में एक सुंदर बालक को देखा। इस पर चकित होकर उन्होंने नारद मुनि को सुखदेव जी के जन्म और उनके वैराग्य की कथा सुनाई।
कथा में बताया गया कि सुखदेव जी अयोनिज थे, जिन्होंने पिता की आज्ञा से विवाह कर पांच संतानें उत्पन्न कीं और फिर वैराग्य को धारण कर जीवन को आत्मज्ञान और भक्ति के मार्ग में समर्पित कर दिया। साथ ही सती एवं दक्ष प्रजापति का प्रसंग भी श्रद्धालुओं को सुनाया गया।
देवेश शास्त्री जी ने देवी के विभिन्न रूपों में अवतरण और भक्तों की रक्षा की कथाओं का वर्णन करते हुए कहा कि देवी शक्ति सच्चे भक्त की हर परिस्थिति में रक्षा करती हैं।
आज के दिन श्री पुरन तिवारी सपत्नीक यजमान रहे। कार्यक्रम में मनोज सह, जगदीश बावड़ी, अशोक साह, मुकेश जोशी, राजेंद्र लाल साह, देवेंद्र लाल साह, हीरा सिंह, कैलाश बोरा, मिथिलेश पांडे, आनंद बिष्ट, हरीश पंत, राजेंद्र बिष्ट, बिमल साह, बिमल चौधरी, भुवन बिष्ट, मुन्नी भट्ट, सभासद लता दफौटी, मोहित लाल साह, सुमन साह, भावना, वंदना पांडे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
कथा के माध्यम से श्रोताओं को भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिली। पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति रस से सराबोर रहा।
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